ग्रुप में जुड़े Join Now

स्वयं सहायता समूह में BC सखी और बैंक सखी में अंतर क्या है? (BC Sakhi Aur Bank Sakhi Mein Antar)

स्वयं सहायता समूह (Swayam Sahayata Samuh – SHG) ग्रामीण और शहरी महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस सशक्तिकरण की प्रक्रिया में बीसी सखी (BC Sakhi) और बैंक सखी (Bank Sakhi) दोनों ही महत्वपूर्ण पद हैं, जिनकी नियुक्ति राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (National Rural Livelihoods Mission – NRLM) के अंतर्गत की जाती है।

shg code kaise nikalen

आइए जानते हैं कि इन दोनों पदों में क्या अंतर है, इनके मुख्य कार्य क्या हैं, और इन्हें कितना वेतन या मानदेय मिलता है।


स्वयं सहायता समूह में BC सखी क्या है? (Swayam Sahayata Samuh BC Sakhi Kya Hai?)

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें रोजगार प्रदान करने के लिए बीसी सखी (BC Sakhi) की भूमिका शुरू की है।

  • पूरा नाम: BC सखी का पूरा नाम बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट (Banking Correspondent) सखी है।
  • मुख्य कार्य:
    • आर्थिक लेनदेन: स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के आर्थिक लेनदेन का कार्य करना।
    • ग्रामीण बैंकिंग: ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-मोटे बैंकिंग लेनदेन का कार्य करना। बीसी सखी एक ‘मिनी बैंक’ की तरह काम करती हैं, जिससे ग्रामीण लोगों को बैंक तक जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
    • आधार आधारित भुगतान: ये आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) के माध्यम से लोगों के आधार नंबर के ज़रिए उनके बैंक में जमा पैसों को निकालने और जमा करने का काम करती हैं।
  • उपकरण: इस कार्य के लिए बीसी सखी को NRLM के तहत एक लैपटॉप या कंप्यूटर और एक फिंगरप्रिंट डिवाइस दी जाती है ताकि वे आधार आधारित भुगतान प्रक्रिया (AEPS) को आसानी से कर सकें।
  • वेतन/आय: बीसी सखी को हर महीने उनके द्वारा किए गए लेनदेन पर कमीशन (Commission) मिलता है। यह कमीशन आमतौर पर ₹6,000 से लेकर ₹10,000 या उससे भी अधिक हो सकता है, जो उनके कार्य की मात्रा पर निर्भर करता है।

स्वयं सहायता समूह में बैंक सखी क्या है? (Swayam Sahayata Samuh Bank Sakhi Kya Hai?)

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित किए गए स्वयं सहायता समूहों में बैंक सखी (Bank Sakhi) की नौकरी भी दी जाती है।

  • मुख्य कार्य:
    • बैंक संबंधी कार्य: बैंक सखी का मुख्य कार्य स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के बैंक से संबंधित सभी कार्य करवाना होता है। इसमें समूह का खाता खुलवाना, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को विभिन्न प्रकार के बैंक लोन (जैसे CCL लोन) दिलवाना शामिल है।
    • समन्वय: ये स्थानीय बैंक में रहकर किसी भी समूह की महिला के लिए उद्योग या अन्य कार्यों के लिए लोन का पैसा निकलवाना या अन्य बैंकिंग प्रक्रियाओं में मदद करती हैं।
  • कार्यस्थल: बैंक सखी आमतौर पर स्थानीय बैंक (Local Bank) में कार्य करती हैं।
  • वेतन/आय: स्वयं सहायता समूह के माध्यम से नियुक्त की गई बैंक सखी को NRLM के अंतर्गत एक मासिक वेतन (Monthly Salary) या मानदेय दिया जाता है। यह वेतन उनके कार्य के अनुसार NRLM द्वारा निर्धारित किया जाता है।

स्वयं सहायता समूह: BC सखी और बैंक सखी में मुख्य अंतर

बीसी सखी और बैंक सखी दोनों ही वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को बढ़ावा देती हैं, लेकिन उनके कार्यक्षेत्र और आय के तरीके में कुछ प्रमुख अंतर हैं:


विशेषताबीसी सखी (BC Sakhi)बैंक सखी (Bank Sakhi)
कार्यक्षेत्रमुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्र में घर-घर जाकर बैंकिंग लेनदेन करना। यह एक मिनी बैंक की तरह काम करती हैं।स्थानीय बैंक में रहकर स्वयं सहायता समूहों के बैंकिंग कार्य पूरे करवाना।
मुख्य कार्यआधार के माध्यम से पैसों का निकालना/जमा करना, बिल भुगतान आदि।समूह का खाता खुलवाना, लोन दिलवाना, लोन का पैसा निकलवाना, बैंक से समन्वय।
आधारआधार आधारित भुगतान (AEPS) प्रणाली का उपयोग करती हैं।बैंक के आंतरिक सिस्टम और प्रक्रियाओं का उपयोग करती हैं।
आय का तरीकाकिए गए लेनदेन पर कमीशन के रूप में मानदेय पाती हैं।राष्ट्रीय आजीविका मिशन (NRLM) के अंतर्गत एक मासिक निर्धारित मानदेय/वेतन पाती हैं।
भूमिकामाइक्रो-एटीएम (Micro-ATM) की तरह कार्य करती हैं।बैंक और स्वयं सहायता समूह के बीच की कड़ी का काम करती हैं।

Export to Sheets


संक्षेप में, बीसी सखी ग्रामीण स्तर पर छोटे बैंकिंग लेनदेन को सुविधाजनक बनाती हैं, जबकि बैंक सखी स्वयं सहायता समूहों के बड़े और औपचारिक बैंकिंग कार्यों को बैंक के भीतर रहकर सुगम बनाती हैं। दोनों ही पद ग्रामीण महिलाओं को वित्तीय सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने में महत्वपूर्ण हैं।

क्या आपके पास इन भूमिकाओं या स्वयं सहायता समूहों से संबंधित कोई और प्रश्न है?

Leave a Comment