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स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाएं किसी भी समस्या के लिए यहां दर्ज करें शिकायत!

यदि आप स्वयं सहायता समूह (Swayam Sahayata Samuh) की सदस्य हैं और आपको किसी समस्या या चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, चाहे वह समूह के आंतरिक कामकाज से जुड़ी हो, बैंक से संबंधित हो, या सरकारी योजनाओं के लाभ मिलने में देरी से जुड़ी हो, तो आप सही जगह पर शिकायत दर्ज कर सकती हैं।

samuh men biathak kaise karen

स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने के लिए एक प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली (Grievance Redressal System) मौजूद है, ताकि उनकी समस्याओं का समय पर समाधान हो सके।


1. अपने समूह के भीतर शिकायत दर्ज करें (Samuh ke Bhitar Shikayat)

सबसे पहला और सबसे प्रभावी कदम अपनी समस्या को अपने स्वयं सहायता समूह (SHG) की साप्ताहिक या मासिक बैठक में उठाना है।

  • चर्चा और समाधान: समूह के सदस्यों और पदाधिकारियों (अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष) के साथ खुलकर अपनी समस्या पर चर्चा करें। कई बार छोटे-मोटे मुद्दे समूह के भीतर ही आपसी समझ और सहयोग से हल हो जाते हैं।
  • रिकॉर्ड: अपनी शिकायत और उस पर हुई चर्चा को समूह के रजिस्टर में दर्ज करवाएं। यह भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण रिकॉर्ड होगा।

2. ग्राम संगठन (VO) या क्लस्टर लेवल फेडरेशन (CLF) से संपर्क करें

यदि आपकी समस्या समूह के भीतर हल नहीं हो पाती है, तो आप ग्राम संगठन (Village Organization – VO) या क्लस्टर लेवल फेडरेशन (Cluster Level Federation – CLF) से संपर्क कर सकती हैं। ये SHG का एक बड़ा नेटवर्क होते हैं और निचले स्तर पर समस्याओं को हल करने में मदद करते हैं।

  • ग्राम संगठन: अपने गांव या आसपास के गांवों के SHG मिलकर ग्राम संगठन बनाते हैं। अपनी समस्या इनके समक्ष रखें।
  • क्लस्टर लेवल फेडरेशन: कई ग्राम संगठन मिलकर क्लस्टर लेवल फेडरेशन बनाते हैं। ये बड़े स्तर पर समस्याओं को हल करने में सक्षम होते हैं।

इन संगठनों के प्रतिनिधि आपकी समस्या को सुनकर सही मार्गदर्शन दे सकते हैं या उसे आगे संबंधित अधिकारी तक पहुंचा सकते हैं।


3. ब्लॉक या जिला स्तरीय NRLM कार्यालय (Block/District NRLM Office)

यदि आपकी समस्या ग्राम संगठन या CLF स्तर पर हल नहीं होती है, तो आप सीधे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के ब्लॉक या जिला कार्यालय में संपर्क कर सकती हैं।

  • Block Mission Management Unit (BMMU): अपने ब्लॉक स्तर पर स्थित NRLM कार्यालय (जिसे अक्सर BMMU कहा जाता है) में जाएं। यहां आप संबंधित अधिकारियों से मिलकर अपनी समस्या बता सकती हैं।
  • District Mission Management Unit (DMMU): यदि ब्लॉक स्तर पर समाधान नहीं होता, तो आप जिला स्तर पर NRLM कार्यालय (DMMU) में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती हैं।

यहां आपको SHG के लिए नियुक्त किए गए अधिकारी (जैसे ब्लॉक मिशन प्रबंधक, आजीविका विशेषज्ञ आदि) मिलेंगे, जो आपकी मदद कर सकते हैं।


4. जनसुनवाई पोर्टल या हेल्पलाइन नंबर (Jansunwai Portal / Helpline Numbers)

भारत सरकार और राज्य सरकारों ने नागरिकों की शिकायतों के लिए ऑनलाइन पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किए हैं। आप इनका उपयोग भी कर सकती हैं:

  • राज्य सरकार का जनसुनवाई पोर्टल: उत्तर प्रदेश के लिए ‘जनसुनवाई – समाधान’ (Jansunwai – Samadhan) पोर्टल (jansunwai.up.nic.in) एक महत्वपूर्ण मंच है। यहां आप अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज कर सकती हैं और उसकी स्थिति (Status) भी ट्रैक कर सकती हैं।
    • आप मोबाइल OTP के जरिए आसानी से शिकायत दर्ज कर सकती हैं।
    • शिकायत दर्ज होने के बाद आपको एक संदर्भ संख्या (Reference Number) मिलती है, जिससे आप अपनी शिकायत की प्रगति जान सकती हैं।
  • राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर: कुछ हेल्पलाइन नंबर भी होते हैं जो विशेष रूप से सरकारी योजनाओं से संबंधित जानकारी और शिकायत दर्ज करने के लिए होते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ राज्यों में NRLM या ग्रामीण विकास विभाग के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध हो सकते हैं। (आपको अपने राज्य के लिए विशिष्ट नंबर की पुष्टि करनी होगी)।
  • केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (CPGRAMS): यह भारत सरकार का एक पोर्टल है जहां आप किसी भी सरकारी विभाग से संबंधित शिकायत दर्ज कर सकती हैं।

शिकायत दर्ज करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:

  • विस्तृत जानकारी: अपनी शिकायत में समस्या का पूरा विवरण दें – क्या हुआ, कब हुआ, कौन-कौन शामिल थे, और आप क्या समाधान चाहती हैं।
  • दस्तावेज: यदि संभव हो, तो अपनी शिकायत के समर्थन में कोई भी संबंधित दस्तावेज (जैसे बैंक पासबुक की फोटोकॉपी, समूह के रजिस्टर का विवरण) संलग्न करें।
  • प्रमाण: शिकायत दर्ज करते समय हमेशा शिकायत की रसीद या संदर्भ संख्या लेना न भूलें। यह भविष्य में आपकी शिकायत की स्थिति जानने में मदद करेगा।
  • धैर्य और अनुपालन: शिकायत दर्ज करने के बाद, प्रक्रिया का पालन करें और यदि आवश्यक हो, तो अनुस्मारक (Reminders) भेजें।

स्वयं सहायता समूह की हर सदस्य को यह जानना चाहिए कि यदि उन्हें कोई समस्या आती है तो वे कहां और कैसे शिकायत दर्ज करें। यह उनके अधिकारों की रक्षा करेगा और समूह को मजबूत बनाएगा।

क्या आपको इनमें से किसी विशेष शिकायत निवारण विकल्प के बारे में अधिक जानकारी चाहिए?

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