उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत चल रहे स्वयं सहायता समूह (SHG), ग्रामीण महिलाओं के जीवन में एक क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं। ये समूह न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त करते हैं, बल्कि महिलाओं को सामाजिक रूप से भी सशक्त बनाते हैं।

यदि आप स्वयं सहायता समूह से जुड़ना चाहती हैं, अपने गांव की SHG लिस्ट देखना चाहती हैं, या इसके माध्यम से नौकरी और रोजगार के अवसर तलाश रही हैं, तो यह गाइड आपके लिए ही है।
इस लेख में हम आपको A to Z पूरी जानकारी देंगे:
- SHG क्या है और इसके क्या फायदे हैं?
- समूह से जुड़ने के लिए पात्रता और जरूरी कागजात।
- उत्तर प्रदेश में किसी भी गांव की SHG लिस्ट ऑनलाइन कैसे देखें?
- एक नया समूह कैसे बनाएं और रजिस्टर करें?
- SHG के माध्यम से मिलने वाली प्रमुख नौकरियां।
स्वयं सहायता समूह (SHG) क्या है?
स्वयं सहायता समूह (Self Help Group – SHG) 10 से 20 स्थानीय महिलाओं का एक स्वैच्छिक समूह होता है। इस समूह की सदस्य नियमित रूप से छोटी-छोटी बचत करती हैं और उसे एक common fund में जमा करती हैं। इस फंड से, वे अपनी तात्कालिक जरूरतों (जैसे बीमारी का इलाज, बच्चों की फीस, या कोई छोटा व्यवसाय शुरू करने) के लिए एक-दूसरे को कम ब्याज दर पर कर्ज देती हैं। इसका मूल सिद्धांत आपसी सहयोग और भरोसे पर आधारित है, जिसका लक्ष्य महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाना है।
स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के मुख्य फायदे
SHG से जुड़ने के लाभ केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक और व्यक्तिगत भी हैं:
- बचत की आदत: नियमित साप्ताहिक बचत से वित्तीय अनुशासन आता है।
- आसान ऋण सुविधा: अपनी जरूरतों के लिए साहूकार के बजाय समूह से ही कम ब्याज पर आसानी से लोन मिल जाता है।
- सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता: सरकार SHG से जुड़ी महिलाओं को विभिन्न योजनाओं (नौकरी, प्रशिक्षण, सब्सिडी) में प्राथमिकता देती है।
- रोजगार के अवसर: समूह के माध्यम से महिलाएं सिलाई, पशुपालन, अचार-पापड़ बनाने जैसे कई रोजगार शुरू कर सकती हैं।
- बड़ा लोन: किसी उद्योग को लगाने के लिए समूह को सरकार द्वारा ₹6,50,000 तक का CCL (कैश क्रेडिट लिमिट) लोन मिल सकता है।
- सामाजिक सशक्तिकरण: आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने पर महिलाओं का परिवार और समाज में आत्मविश्वास और सम्मान बढ़ता है।
समूह से जुड़ने के लिए पात्रता और आवश्यक दस्तावेज़
(This is the new, essential section I have added)
एक स्वयं सहायता समूह से जुड़ने या नया समूह बनाने के लिए कुछ बुनियादी पात्रता मानदंड और दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
पात्रता (Eligibility):
- महिला सदस्य की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- वह उसी गांव या आस-पड़ोस की निवासी होनी चाहिए।
- एक परिवार से सामान्यतः एक ही महिला सदस्य को जोड़ा जाता है।
- महिलाएं गरीबी रेखा से नीचे (BPL) या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से होनी चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज़ (Required Documents):
- आधार कार्ड (Aadhaar Card)
- बैंक पासबुक की फोटोकॉपी (Bank Passbook Photocopy)
- पासपोर्ट साइज फोटो (Passport Size Photograph)
- राशन कार्ड (वैकल्पिक, पते के प्रमाण के लिए)
उत्तर प्रदेश स्वयं सहायता समूह लिस्ट ऑनलाइन कैसे देखें? (Step-by-Step)

आप अपने मोबाइल से ही यह जांच सकती हैं कि आपके गांव में कौन-कौन से SHG सक्रिय हैं। नीचे दिए गए स्टेप्स का पालन करें:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: सबसे पहले राष्ट्रीय आजीविका मिशन (NRLM) की आधिकारिक रिपोर्टिंग वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिसियल वेबसाइट लिंक:
[यहाँ nrlm.gov.in की आधिकारिक रिपोर्टिंग पोर्टल का सही लिंक डालें]
- ऑफिसियल वेबसाइट लिंक:
- राज्य चुनें: वेबसाइट पर भारत के सभी राज्यों की सूची दिखेगी। इसमें से “UTTAR PRADESH” पर क्लिक करें।
- जिला चुनें: अब अपने जिले (District) का चुनाव करें।
- ब्लॉक चुनें: इसके बाद अपने विकास क्षेत्र यानी ब्लॉक (Block) को चुनें।
- गांव चुनें: अंत में, उस ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले सभी गांवों की लिस्ट दिखेगी। अपने गांव (Village) का नाम चुनें और सबमिट करें।
सबमिट करते ही आपके गांव में चल रहे सभी स्वयं सहायता समूहों के नाम, उनके सदस्यों की संख्या, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी आपकी स्क्रीन पर आ जाएगी।
नया स्वयं सहायता समूह (SHG) कैसे बनाएं और रजिस्टर करें?
यदि आपके गांव में कोई समूह नहीं है या आप अपना खुद का समूह बनाना चाहती हैं, तो यह प्रक्रिया बहुत आसान है:
1. समूह का गठन करें:
- अपने गांव की 10-12 समान सोच वाली महिलाओं को एक साथ जोड़ें।
- सभी की सहमति से अपने समूह का एक नाम रखें (जैसे: एकता SHG, तुलसी प्रेरणा समूह)।
- समूह के तीन प्रमुख पदाधिकारी चुनें: अध्यक्ष, सचिव, और कोषाध्यक्ष।
2. पंचसूत्र का पालन करें:
- नियमित साप्ताहिक बैठक।
- नियमित साप्ताहिक बचत।
- नियमित आंतरिक लेन-देन (कर्ज देना)।
- नियमित ऋण वापसी।
- नियमित बही-खाता संधारण (रजिस्टर में हिसाब-किताब लिखना)।
3. बैंक खाता खुलवाएं और रजिस्ट्रेशन:
- अपने ब्लॉक में स्थित NRLM कार्यालय में जाएं और ब्लॉक मिशन मैनेजर (BMM) से संपर्क करें।
- BMM आपको समूह गठन का फॉर्म और सभी रजिस्टरों (बही-खाता) की जानकारी देंगे।
- फॉर्म जमा करने के बाद, अधिकारियों द्वारा बताई गई नजदीकी बैंक शाखा में समूह के नाम से एक बचत खाता खुलवाएं। खाता खुलने और ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज होने के बाद आपका समूह आधिकारिक रूप से पंजीकृत हो जाता है।
स्वयं सहायता समूह में नौकरी और रोजगार के अवसर
SHG से जुड़ी शिक्षित महिलाओं को सरकार विभिन्न पदों पर संविदा (contract) के आधार पर नौकरी भी देती है। कुछ प्रमुख पद इस प्रकार हैं:
बैंक सखी (Bank Sakhi) बैंक
सखी स्थानीय ग्रामीण बैंकों में एक सेतु का काम करती हैं। वे SHG समूहों के बैंक से जुड़े काम जैसे खाता खुलवाना, लोन फॉर्म भरवाना और वित्तीय साक्षरता प्रदान करने में मदद करती हैं।
(बीसी सखी (BC Sakhi – Banking Correspondent)
बीसी सखी गांव में एक ‘चलता-फिरता बैंक’ होती हैं। वे माइक्रो-एटीएम डिवाइस की मदद से ग्रामीणों को घर पर ही पैसे निकालने, जमा करने और बैलेंस चेक करने की सुविधा देती हैं।
बिजली सखी (Bijli Sakhi)
बिजली सखी गांव में घर-घर जाकर बिजली मीटर की रीडिंग लेती हैं और उपभोक्ताओं को बिजली का बिल उपलब्ध कराती हैं। इस कार्य के लिए उन्हें बिजली विभाग द्वारा मासिक मानदेय दिया जाता है।
(Pashu Sakhi)
पशु सखी एक पशुधन विशेषज्ञ के रूप में काम करती हैं। वे समूह की महिलाओं को पशुपालन (गाय, भैंस, बकरी पालन) के वैज्ञानिक तरीकों, टीकाकरण, और बीमारियों से बचाव की जानकारी देती हैं।
समूह सखी (Samuh Sakhi)
समूह सखी अपने क्षेत्र के 5-6 SHG समूहों की मेंटर होती हैं। वे बैठकों के आयोजन, पंचसूत्र का पालन सुनिश्चित करने और रजिस्टरों को सही ढंग से लिखने में मदद करती हैं।
(H2) अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: स्वयं सहायता समूह से कितना लोन मिल सकता है? उत्तर: समूह की ग्रेडिंग और प्रदर्शन के आधार पर, एक SHG ₹15,000 से लेकर ₹6,50,000 या उससे अधिक का लोन ले सकता है।
प्रश्न 2: क्या SHG का लोन माफ़ होता है? उत्तर: नहीं, समूह द्वारा लिए गए लोन को ब्याज सहित निर्धारित किश्तों में चुकाना पड़ता है। हालांकि, इसकी ब्याज दर साहूकारों की तुलना में बहुत कम होती है।
प्रश्न 3: समूह में कौन-कौन से रजिस्टर बनाने पड़ते हैं? उत्तर: एक SHG में मुख्य रूप से बैठक कार्यवाही रजिस्टर, बचत-ऋण रजिस्टर, और सदस्य की व्यक्तिगत पासबुक जैसे बही-खाते बनाने होते हैं।

स्वयं सहायता समूह सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण उत्तर प्रदेश में महिलाओं के लिए आशा और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह उन्हें न केवल आर्थिक रूप से मजबूत बनाता है, बल्कि उन्हें एक पहचान और आवाज भी देता है। सही जानकारी और प्रक्रिया का पालन करके आप भी इस आंदोलन का हिस्सा बन सकती हैं और अपने जीवन को एक नई दिशा दे सकती हैं।