क्या आप स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी हैं और अपने गाँव की खेती-किसानी में रुचि रखती हैं? क्या आप किसानों, खासकर महिला किसानों की मदद करना चाहती हैं और साथ ही एक सम्मानजनक रोज़गार (employment) भी पाना चाहती हैं? अगर हाँ, तो कृषि सखी (Krishi Sakhi) की नौकरी आपके लिए एक बेहतरीन अवसर हो सकती है!

आइए, इस पोस्ट में हम विस्तार से जानते हैं कि कृषि सखी कौन होती हैं, उन्हें यह नौकरी कैसे मिलती है, कितना मानदेय (salary) मिलता है, और उनके क्या कार्य होते हैं।
कृषि सखी कौन होती हैं? उनकी भूमिका क्या है?
राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत, भारत सरकार ने ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें कृषि क्षेत्र से जोड़ने के लिए कृषि सखी योजना की शुरुआत की है। इस योजना का लाभ विशेष रूप से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं ले सकती हैं।
एक कृषि सखी वह महिला होती है जो अपने गाँव के किसानों, विशेषकर महिला किसानों को खेती-किसानी से जुड़ी सही और नई जानकारी देने में मदद करती है। उनका मुख्य उद्देश्य कृषि से संबंधित सरकारी योजनाओं, आधुनिक तकनीकों और बेहतर कृषि पद्धतियों के बारे में जागरूकता फैलाना है।
आमतौर पर, 5 से 6 स्वयं सहायता समूहों पर एक कृषि सखी की नियुक्ति की जाती है। इसका मतलब है कि यदि आपके गाँव में कई स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, तो कृषि सखी बनने का अवसर आपके लिए हो सकता है।

कृषि सखी की नौकरी कैसे पाएं और कितना मानदेय मिलता है?
कृषि सखी की नौकरी पाने के लिए कुछ ज़रूरी योग्यताएं और प्रक्रिया होती है:
- शैक्षिक योग्यता: इस पद के लिए आवेदन करने हेतु आपकी न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 10वीं पास होनी चाहिए, और अधिकतम 12वीं पास तक हो सकती है।
- पहला कदम – ब्लॉक कार्यालय जाएँ: सबसे पहले, आपको अपने ग्राम के विकास विभाग (यानी ब्लॉक कार्यालय) में जाना होगा। वहाँ जाकर यह सुनिश्चित करें कि आपके गाँव में पहले से कोई कृषि सखी नियुक्त तो नहीं है।
- आवेदन फॉर्म प्राप्त करें: यदि आपके गाँव में कोई कृषि सखी नहीं है, तो आप राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अधिकारियों से कृषि सखी पद के लिए एक आवेदन फॉर्म प्राप्त कर सकती हैं।
- फॉर्म भरें और जमा करें: फॉर्म को ध्यानपूर्वक भरें और सभी आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ उसी कार्यालय में जमा कर दें। कृषि सखी की नियुक्ति से संबंधित सभी विस्तृत जानकारी आपको राष्ट्रीय आजीविका मिशन के ब्लॉक कार्यालय में मिल जाएगी।
- परीक्षा और चयन: फॉर्म जमा करने के बाद, आपको कृषि सखी पद से संबंधित एक परीक्षा देनी पड़ सकती है। यदि आप इस परीक्षा में चयनित हो जाती हैं, तो राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अधिकारी आपको सूचित करेंगे।
मानदेय (वेतन): कृषि सखी के पद पर नियुक्त होने के बाद आपको प्रतिमाह ₹1200 से लेकर ₹1500 तक का मानदेय मिलेगा। यह मानदेय आपके द्वारा किए गए कार्यों और आपके क्षेत्र में समूहों की संख्या पर निर्भर कर सकता है।
कृषि सखी के मुख्य कार्य क्या होते हैं?
स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत नियुक्त की गई कृषि सखी के मुख्य कार्य इस प्रकार होते हैं:
- कृषि योजनाओं की जानकारी देना: कृषि सखी का सबसे महत्वपूर्ण कार्य स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और अन्य किसानों को कृषि से संबंधित सभी सरकारी योजनाओं की जानकारी देना है।
- ब्लॉक से समन्वय: उन्हें महीने में दो या तीन बार ब्लॉक कार्यालय जाना होता है। वहाँ वे राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अधिकारियों से कृषि से संबंधित नई योजनाओं, दिशा-निर्देशों और सभी प्रकार के कृषि कार्यों की जानकारी लेती हैं।
- समूह की बैठकों में जानकारी साझा करना: ब्लॉक से प्राप्त सभी जानकारियों को वे स्वयं सहायता समूह की मासिक या साप्ताहिक बैठकों के दौरान समूह की महिलाओं के साथ साझा करती हैं। इससे महिलाएं खेती-किसानी में नए तरीकों को अपना पाती हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा पाती हैं।
- किसानों को सशक्त बनाना: कुल मिलाकर, कृषि सखी ग्रामीण किसानों, विशेषकर महिला किसानों को कृषि क्षेत्र में सशक्त बनाने में एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम करती हैं।

यह नौकरी न केवल आपको आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाएगी, बल्कि आपको अपने समुदाय के कृषि विकास में सीधा योगदान करने का अवसर भी देगी। अगर आप कृषि और ग्रामीण विकास के प्रति जुनूनी हैं, तो कृषि सखी बनना आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है!